पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) युद्ध पानीपत का प्रथम युद्ध (अप्रैल 1526) पानीपत के निकट लड़ा गया था। पानीपत वह स्थान है जहाँ बारहवीं शताब्दी के बाद से उत्तर भारत पर नियंत्रण को लेकर कई निर्णायक लड़ाइयाँ लड़ी गईं। पानीपत के प्रथम युद्ध ने ही भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। यह उन पहली लड़ाइयों में से एक थी जिसमें मुगलों ने बारूद, आग्नेयास्त्रों और तोपों का प्रयोग किया। पानीपत का प्रथम युद्ध ज़हीर-उद्दीन बाबर और दिल्ली के लोदी वंश के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में ज़हीर-उद्दीन बाबर ने लोदी को परास्त किया था। सैन्य बल बाबर की सेना में लगभग 15,000 सैनिक और 20 से 24 तोपें थीं। इब्राहिम लोदी की सेना में लगभग 30,000 से 40,000 सैनिक और कम-से-कम 1000 हाथी थे। बाबर की रणनीति अस्र-शस्र ही नहीं बल्कि बाबर की तुलुगमा और अरबा (Araba) की रणनीति ने भी उसे जीत के लिये प्रेरित किया। तुलुगमा युद्ध नीति: इसका अर्थ था पूरी सेना को विभिन्न इकाइयों- बाएँ, दाहिने और मध्य में विभाजित करना। बाएँ और दाहिने भाग को आगे तथा अन्य टुकड़ियों को पीछे के भाग में...
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