भारतीय राष्ट्रिय आंदोलन
1885 से 1947 का स्वतंत्रता आंदोलन काल कि घटनाओं का घटनाक्रम
1885 ई
(1) भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस का घटन बम्बई में 28 दिसंबर को आयोजित हुआ था ।
जिसके प्रथम सत्र में 72 प्रति निधि उपस्थित थे।
लॉर्ड रेडोल्फ भारत के सचिव बने
1905 bc
बंगाल विभाजन के निर्णय कि घोस्ना 19 जुलाई सन 1905 को भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड वर्जन द्वारा कि गई थी।p
1906 bc
ब्रिटिश भारत ने आधिकारिक तौर पर भारतीय मानक समय को अपनाया
दक्षिण अफ्रीका में अहिंसा आंदोलन को चिन्हित करने के लिए महात्मा गांधी ने शब्द सत्त्या ग्रह को प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया।
बंगाल के विभाजन ने सांप्रदायिक विभाजन को भी जन्म दे दिया था ।30 दिसम्बर 1906 को ढाका के नवाब आगा खान और नवाब मोहसिन उल मुल्क के नेतृत्व भारतीय मुस्लिमो कि रक्षा के लिए मुस्लिम लीग का घटन ।
1907
कांग्रेस का सूरत अधिवेशन 1907 ई में सम्पन्न हुआ था
ऐतिहसिक दृष्टि से यह अधिवेशन महत्वपूर्ण था ।
गरम दल तथा नरम दल के आपसी मतभेदों के कारण इस अभिलेख को कांग्रेस के दो भागो में विभाजित कर दिया गया था।
1908 bc
8 जून 1908 को खुदीराम बॉस को उनकी बेटी कि हुत्त्य के जुर्म में अदालत में पेश किया गया था और 13 जून को उन्हें मोत कि सजा सुनाई गई थी।
उसके बाद 1908 कि फांसी पर चढ़ा दिया गया था ।
1909 bc
भारतीय परीसद अधिनियम
इस अधिनयम को ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया था जिसके द्वारा ब्रिटिश भारत के शासन में भारतीयों कि हिस्सेदारी अल्प मात्रा में बड़ाई गई थी । इसे इस नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इस समय मार्ले भारत के सचिव एवं लॉर्ड मिनटों वायसराय थे ।
इसे मार्ले मिनटों वायसराय कि संज्ञा दी गई।
सरकार द्वारा इन सुधारों के प्रस्तोत करने के पीछे दो घटनाएं प्रमुख थी। अक्टूबर 1906 में आगा के नेतृत्व में एक मुस्लिम प्रति निधि मंडल वायसराय से मिला और मांग कि की मुसलमानों के लिए प्रत्थक निर्वाचन कि मांग कि जाय।
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