फिलिप माउंटबेटन ने अड़सठ साल तक महारानी का जैसा साथ निभाया , वह आधुनिक राजशाही के लिए ही नहीं , बल्कि आधुनिक वैवाहिक जीवन के लिए भी चमत्कार से कम नहीं है । जीवन भर यह भूमिका निभाना आसान नहीं था , जिसमें पति हमेशा पत्नी से दो कदम पीछे चलता हो प्रिंस चार्ल्स और डायना के विफल विवाह की तरह एलिजाबेथ फिलिप का यह साहचर्य अविश्वसनीय नहीं था , बल्कि बिल्कुल शुरुआत से ही प्रेम का रिश्ता था ।
वर्ष 1953 में वेस्टमिंस्टर ऐबे में जब महारानी एलिजाबेथ , द्वितीय का राज्याभिषेक हो रहा , तब एडिनबरो के ड्यूक 31 वर्षीय फिलिप माउंटबेटन ने अपने गले का हार उतारा , उस युवा स्त्री के चरणों में झुके , जिससे छह साल पहले उन्होंने शादी की थी और यह शपथ ली , " मैं फिलिप , एडिनबरो का ड्यूक यह शपथ लेता हूं कि जीवन भर आपका निष्ठावान साथी बना रहूंगा । ' फिलिप ने लंबे 68 साल तक यह निष्ठा जिस प्रकार निभाई , वह आधुनिक राजशाही के लिए ही नहीं , आधुनिक वैवाहिक जीवन के लिए भी चमत्कार से कम नहीं है । जीवन भर यह भूमिका निभाना आसान नहीं था , जिसमें पति हमेशा पत्नी से दो कदम पीछे चलता था फिलिप बेहद आकर्षक थे , अपनी क्षमता पर उन्हें तनिक संदेह नहीं था और मूों से उन्हें अतिशय चिढ़ थी । ' महारानी को निश्चय ही इसका एहसास हुआ होगा कि फिलिप का चरित्र बहुत ही सख्त है , उनकी रीढ़ तनी हुई है और अपने सिद्धांतों से वह कभी पीछे नहीं हटेंगे ' , प्रिंस चार्ल्स के एक दोस्त सर , निकोलस सोमेस ने मुझसे कहा । यह प्रिंस चार्ल्स और डायना के विफल
विवाह की तरह अविश्वसनीय साहचर्य नहीं था । बल्कि यह बिल्कुल शुरुआत से ही प्रेम का रिश्ता था । एलिजाबेथ , द्वितीय 1939 में ही फिलिप के लिए पागल थीं , जब वह खुद तेरह साल की थीं और अट्ठारह साल के प्रिंस फिलिप एक नौसैनिक अधिकारी थे । एक समय खुद प्रिंस को एलिजाबेथ से प्यार हो गया , और वर्ष 1946 में उन्हें लिखे एक पत्र में उन्होंने इसका इजहार भी किया । फिलिप एड द्वारा लिखी गई प्रिंस फिलिप की जीवनी में इसका उल्लेख है । सात साल बाद फिलिप ने जब एलिजाबेथ के सामने अपना प्रेम निवेदन किया , तब एलिजाबेथ के माता पिता कोई भी फिलिप को अपनी बेटी का सुयोग्य वर नहीं मान रहे थे । आधे यूरोप के राजा - महाराजाओं से भले ही फिलिप के रिश्ते थे , लेकिन उनका परिवार लंबे समय से निर्वासन में था और निर्धन फिलिप कहीं का भी राजकुमार नहीं था । बचपन से ही फिलिप अपने यूरोपीय रिश्तेदारों के बीच भटकता रहता था । लेकिन गोर्डोनस्टाउन स्थित जिस स्कॉटिश बोर्डिंग स्कूल में उन्हें पढ़ने के लिए भेजा गया था , वहां उन्हें एक समय समझ में ही देखा , उसका जिक्र अपनी शादी की 50 वीं उन्हें सालगिरह में उन्होंने यह कहते हुए किया : वह ' जो इन वर्षों के दौरान मेरी ताकत और निष्ठा बने रहे । प्रिंस विलियम और हैरी के पूर्व निजी सचिव जेमी लॉथर - पिंकर्टन के मुताविक , ' उनकी पीढ़ी ने देश के प्रति सेवा को मूल्यों की सेवा से जोड़ लिया था । दरअसल फिलिप के जड़विहीन शाही अतीत ने उनमें यह ठोस धारणा पैदा कर दी थी कि ब्रिटिश राजशाही का अस्तित्व कर्तव्य निष्ठा पर टिका है । फिलिप हर मामले में धैर्य का परिचय नहीं दे पाते लेकिन एलिजाबेथ को उनका वह गुण पसंद आता था । यही नहीं , राजशाही की चौतरफा औपचारिकताओं के बीच महारानी हमेशा दिल खोलकर हंसने के लिए फिलिप पर निर्भर रहती थीं । फिलिप ने अपने नहीं आ रहा था कि स्कूल की छुट्टियां व्यवहार के जरिये महारानी को एहसास कहां बिताई . जाएं । लिहाजा उन्होंने अपनी दिलाया था कि राजशाही की औपचारिकता से विजिटर बुक में लिखा , ' कोई निश्चित वेकार भी है और जरूरी भी । एडिनबरा जगह तय नहीं । लेकिन शर्मीली और लोगों कैसल के गवर्नर एलिएस्टर ब्रूस के को गहराई से परखने वाली राजकुमारी मुताविक , ' महारानी जानती थीं कि फिलिप से एलिजावेथ ने फिलिप को पसंद कर लिया उन्हें हमेशा ही ईमानदार जवाब मिलेगा । था । फिलिप में उन्होंने जो निष्ठा और भरोसा फिलिप की सेवाओं के बदले महारानी ने
उन्हें एक सुरक्षित निवास दिया था , जिससे वह बचपन में वंचित थे । बेशक फिलिप की आंखें चारों और घूमती रहती थीं , पर महारानी के प्रति उनके समर्पण पर कोई सवाल नहीं उठा सकता था । पूरे जीवन में उन्होंने कुल 22 हजार शाही आयोजनों में भाग लिया , और महारानी के हर विदेश दौरे में साथ रहे । महारानी और फिलिप के दांपत्य जीवन की सफलता में प्रेम के साथ - साथ महारानी की रणनीतिक कुशलता की भी भूमिका थी । उनके शुरुआती जीवन में समस्या भी आई थी , जब फिलिप को पता चला था कि उनके बच्चों को विंडसर राजशाही का नाम मिलेगा , उनका नहीं । महारानी ने फिलिप को तमाम शाही एस्टेट्स और महलों की भी जिम्मेदारी दे दी थी । यही नहीं , उन्होंने फिलिप को उड़ान , पोलो , कैरिज ड्राइविंग जैसी उनकी पसंदीदा गतिविधियों में व्यस्त रखा , ताकि उन्हें अकेलेपन का एहसास न हो । सत्तानबे साल की उम्र में फिलिप विंडसर ग्रेट पार्क के जुनून था । चारों ओर चार घोड़ों वाली बग्घी दौड़ाते थे ।
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