प्राचीन भारत को जानने के स्रोत

सिक्के
सिक्कों का सम्बन्ध 5 वी सदी से है । सिक्कों पर तिथियां राजा तथा देवताओं के चित्र अंकित किए गए है। और इन सबूत पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा मगध से मिले है। 

अभिलेख, सिक्के, इमारतें, मंदिर, स्मारक मंदिर मूर्तियां तथा चित्रकला  आदि जानकारी मिली है ।

वास्तुकला की जानकारी के लिए =  इमारतें मंदिर तथा भवन काफी उपयोगी    
शत्रोत है स्मारक अती महत्वपूर्ण इनमें देशी स्मारक हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, नालंदा तथा हस्तिनापुर । 
विदेशी स्मारक
कुंबोडिया का अंकोरवाट मंदिर इंडोनेशिया में बोरोब दूर
का मंदिर तथा बाली से प्राप्त मूर्तियां प्रमुख है ।
मूर्तियां = प्ररचीन   काल की  धार्मीमिक व्यवस्था 
संस्कृति एवं कला के बारे में जानकारी प्राप्त करने का महत्व पूर्ण साधन है । 
सारनाथ, भर हुत बोधगया और अमरावती मूर्ति कला के मुख्य केंद्र है । 
प्रमुख मूर्ति कला शैली =  
गांधार कला तथा मथुरा कला प्रमुख है , मृदभांड, भीमबेटका की गुफाएं
हाथ से लिखी गई पुस्तके पांडुलिपि, ताड़पत्रों एवं भोजपत्रों पर लिखा जाता है। 
हिन्दू बौद्ध जैन धर्म में समाज संस्कृति स्थापत्य कला लोगो की जीवन शैली व अर्थव्यवस्था के बारे में महत्व पूर्ण जानकारी मिलती है। 

हिन्दू धर्म = वेद,  त्रग वेद, उपनिषद, शमरतिया , पुराण रामायण एवं  महााा भारत, ट्रागवेद से
सबसे प्राचीन धर्म ग्रंथ है संस्कृति तथा सामाजिक व्यवस्था की जानकारी मिलती है। 

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