भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
भारत के नए संविधान एक नए संविधान के लिए नेहरू रिपोर्ट बनी
लोक सुरक्षा विधायक के लिए केंद्रीय विधान सभा में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने बम फेंका ।
1929 ईशवि
सभी दलों मुस्लिम सम्मेलन जिन्ना के नेतृत्व में चौदह अंक तैयार करते है
लोक सुरक्षा विधायक के खिलाफ विरोध करने के लिए केंद्रीय विधान सभा में भगत सिंह और बटुकेश्वर ने बम फेंका
जतिन दास कि 64 दिनों के भीतर मृत्यु हो गई
लॉर्ड इरविन ने घोसना की कि भारत में ब्रिटिश नीति का लक्ष्य बर्चस्व नीति का अनुदान था
जवाहर लाल नेहरु के तहत कांग्रेस का लाहौर शत्र भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य को अपनाया गया था ।
1930 इष्वि
जवाहर लाल नेहरू भारत के तिरंगे को लाहौर में रवि के किनारे पर फैराया था
इसी साल पहला स्वतंत्र आंदोलन बनाया गया
केंग्रेश कि कार्यकारिणी नीति साबरमती में मिलती है
महात्मा गांधी ने दांडी मार्च के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की थी
भारत में भावी संवैधनिक व्यवस्था के लिए साइमन कमीशन कि रिपोर्ट के लिए साइमन कमीशन कि रिपोर्ट पर विचार करने के लिए लंदन में पहला गोमेज सम्मेलन शुरू हुआ
1931 इशवीं
गांधी इरविन समजोटे और सविनय अवज्ञया आंदोलन निलंबित
भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को फाशी दी गई थी।
द्वितीय राउंड टेबल शुरू होता है । महात्मा गांधी द्वितीय गोलमेज सममेलन में भाग लेने के लिए लंदन पहुंचे
1932 इष्वीं
ब्रिटिश प्रधान मंत्री रामशय मकदोलन ने अलग अलग मतदाताओं कि जगह दलितों को अलग मतदाताओं को वोट देने के लिए सांप्रदायिक पुरस्कार प्रदान करने कि घोषणा की
इसके बाद गांधी ने उपवास करके विरोध जताया
पूना पैक्ट समझोते पर हस्ताक्षर किए जिसके द्वारा दलितों को मतदाता ओ के स्थान पर आरक्षित सिटे प्राप्त हुई
तीसरा गोलमेज सम्मेलन लंदन से शुरू हुआ था।
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