मुगल काल, शासन प्रशासन एवं अर्थ व्यवस्था

प्रशासनिक आधार पर भूमि का वर्गी करण 
खालसा भूमि प्रत्यक्ष रूप से बादशाह के नियंत्रण में होती थी। 
जागीर भूमि तनख्वाह के बदले दी जाने वाली भूमि होती थी।

सूर्गल अनुदान में दी जाने वाली भूमि होती थी।
उत्पादकता के आधार पर भूमि का वर्गीकरण होता है। 
पॉलज भूमि अधिक उपजाऊ व प्रतिवर्ष खेती होती थी।
पर्ती भूमि कम कम उपजाऊ व एक फसल पश्चात बोई जाने वाली भूमि होती थी।
 चाचर भूमि एक फसल बाद 3-4 वर्षों के लिए खाली भूमि 
बंजर भूमि प्राय खाली भूमि व कृषि कार्य के लिए होती थी।
खुदकाश्त उसी गाव पर खेती जहा के निवासी होते थे।
पाही कास्ट दूसरे गाव जाने वाले खेती करने वाले व्यक्ति।
मुजरियन किराए कि भूमि पर कृषि करने वाले व्यक्ति।
राम सीता की आकृति तथा सूर्य चंद्रमा कि महिमा भी देखने को मिलती है इनके शासन काल। 

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