Khnilji Vansh

 

खिलजी वंश (1290 - 1296 ई o)

इस वंश के शासक ने हिंदू जनता के प्रति उदार व्यहवार व्यक्त किया।
इसकी राजधानी किलोखरी को माना जाता है।कड़ा इलाह बाद गया में।
भिलसा, चदैरी, और देवगिरी पर अपना सफल अभियान चलाया। 

१९जुलाई १२९६ ई o को अलाउद्दीन ख़िलजी शुलतान बना इसका जन्म 1266-67 ई o के बीच में माना जाता है। 
अलाउद्दीन ख़िलजी का सेनापति मालिक कफ़ूर बना ।
पद्मावत ग्रंथ की रचना मोहॉम्म द जायसी द्वारा कि गई

रामचंद्र की उपाधि राय श्यान मानी गई है। 
इसके शासनकाल कोहिनूर हीरे का अधिकार रूद्रदेव के पास था।
चित्तौड़ पर विजय 1303 ई o में अलाउद्दीन ख़िलजी ने की।

वस्त्र से लेकर घोड़ों पशुओं तथा गुलामों को सराय ए अदल में बेचा जाता था।

और इसी के शासनकाल में ही राशनिंग की व्यवस्था लागू की गई।
दीवान ए रायस्त  वह व्यवस्था जिसमें बाजार पर नियंत्रण रखा जाता था। 
दंडाधिकारी बाजार का दारोगा माना जाता था। 

मुहसीब जनसाधारण के आचरण के आचरण का रक्षक तथा देखभाल करने वाला माना जाता था। 
दीवान ए मस्तख राज कर व्यवस्था से भ्रष्टाचार को समाप्त करना था ।

अलाउद्दीन खिलजी कि मृत्यु = 1316 ई o

कुतुबुद्दीन ऐबक खिलजी की उपाधि जो मानी गई है खलीफा मानी गई है। 

कुतुबुद्दीन ऐबक ने निमनजती के मुसलमान बने हसन को खुसरो खा की उपाधि धारण दी।
कुतुबुद्दीन ऐबक कि मृत्यु 1320 ई o में हो गई।

खुसरो ने नसीरुद्दीन ने खुसरो सह की उपाधि धारण की।
नसीरुद्दीन शाह 15 अप्रैल और 5 सितम्बर 1320 ई o shultan  बना रहा । 
तथा यही प्रथम भारतीय मुसलमान शासक रहा । 

अमीर खुसरो का जन्म पटियाली 1253 ई में हुआ 
अमीर खुसरो निजामुद्दीन औलिया का शिस्य रहा। 



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