मुगल साम्राज्य

मुगल साम्राज्य

मुगल वंश कि स्थापना 1556-1530 के बीच हुई थी।
इस वंश कि स्थापना बाबर (तैमूरलंग का पंचम वंशज और चंगेज खान का 14 वा वंशज) द्वारा कि गई थी।

पद शाही कि स्थापना बादशाह द्वारा ही कि गई थी।
बाबर के पिता उमर शेख तथा माता कुतुलू गानिगर
बाबर द्वारा लड़े गए युद्ध 
पानीपत का युद्ध वर्ष 21 अप्रैल 1526 ई o  को बाबर एवं इब्राहिम लोदी के बीच में हुआ था। और इसमें बाबर कि जीत हुई थी।

खनावा का युद्ध वर्ष 17 मार्च 1527 ई o को 
बाबर एवं राणा सांगा के बीच हुआ था परिणामस्वरूप इसमें बाबर कि जीत हुई थी।
चंदेरी का युद्ध 29   जनवरी  बाबर एवं मोोदीनी राय के बीच हुआ था । परििणाम  इसमें बाबर की जीत हुई थी।

घाघरा का युद्ध  यह युद्ध   ईo  6 May 1529 को   हुआ था बाबर एवं अफगान के बीच हुआ था । इस युद्ध में बाबर कि जीत हुई थी । 

बाबर 8 जून 1494 ई को गद्दी पर बैठा इसके बाद इसे बादशाह कि उ पाधि दी गई 1507 ई o  में
बाबर चार पुत्र थे हुमायूं, कामरान, अस्करी, हिंदान

इसने बाजोर और भैरा पर अपना अधिकार जमाया था। 

आक्रमण करने का निमंत्रण बाबर को दौलत खान द्वारा लोदी, राणा सांगा, आलम खान द्वारा दिया गया था।
 इसे कलंदर कि उपाधि प्राप्त थी।
इसने तुजुके बाबर कि रचना कि थी।
यह ख्वाजा औनाइब्दुल्ला अहरार का अनुयाई था ।
इसकी मृत्यु 27 दिसंबर 1530 ई o को हुई थी। 

इसकी कबर आगरा में स्थित है लेकिन बाद में काबुल में विस्थापित कर दी गई।

हुमायूं इसका शासनकाल 1530-1556 ई तक चला।
29 दिसंबर को इसने अपना सिंहासन पर अपना अधिकार जमाया। 
दिनपनाह नामक प्रदेश कि स्थापना भी इसी के द्वारा की गई थी।
 इसने शेरखान कि उपाधि शेरशाह धारण की थी।
इसने कन्नौज का युद्ध 17 मई 1540 ई को लड़ा था।
हुमायूं के आध्यात्मिक गुरु मीर अली अकबर जामी थे।

हुमायूं कि मृत्यु 1 जनवरी 1556 ई को हुई थी।
गुलबदन की रचना इसी के द्वारा की गई थी।

मुगल अफगान युद्ध 
युद्ध 
1531 ई में डोहरिया का युद्ध हुमायूं एवं मेहमूद लोदी के बीच में हुआ था। इस युद्ध में हुमायूं विजयी हुआ था। 

चोसा का युद्ध वर्ष 1539 ई में हुमायूं एवं शेरशाह के बीच हुआ था इस युद्ध में शेरशाह विजई हुआ था।

सरहिंद का युद्ध 1555 ई में बैरमा खान एवं सिकंदर सूरी के बीच में हुआ था।
इस युद्ध में बैरम खान विजई हुआ था। 
 


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