मुमकिन है रोजगार सृजन का वादा शीर्षक से लिखे अपने लेख में जीएन वाजपेयी ने यह बताया है कि बिहार में लाखों की संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना कठिन काम नहीं है ।

मुमकिन है रोजगार सृजन का वादा शीर्षक से लिखे अपने लेख में जीएन वाजपेयी ने यह बताया है कि बिहार में लाखों की संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना कठिन काम नहीं है । बिहार में कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन किया जा सकता है । बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है । देश की जीडीपी में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है , लेकिन लेखक से सवाल है कि नीतीश कुमार लगभग पंद्रह साल राज करने के दौरान बिहार में रोजगार क्यों नहीं उपलब्ध करवा पाए ? अब जब देश अनलॉक हो चुका है तो फिर वहां से लोग क्यों पलायन कर रहे हैं ? बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार चौथी बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना लिया । बिहार के लोगों ने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की मंशा और सेवा पर एक बार फिर से भरोसा कायम रखा । पीएम मोदी ने देश के लगभग 116 जिलों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना को हरी झंडी दिखाई है । इसके तहत घर लौटे कामगारों को अपने यहां ही रोजगार के अवसर मिलेंगे , लेकिन अगर सभी प्रवासियों को उनके गृहक्षेत्र में ही रोजगार मिला तो शहरों के उद्योग - धंधे या अन्य कारोबार इनके बिना कैसे काम चलाएंगे ? ऐसे में नीतीश कुमार को अपने राज्य की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए तथा शिक्षा क्षेत्र में सुधार करना चाहिए और जनसंख्या वृद्धि के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए , इसी से वहां रोजगार सृजन को मुमकिन बनाया जा सकता है

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