विजय नगर एवं बेहमनी साम्राज्य
विजय नगर एवं बेहमनी साम्राज्य
हरिहर एवं बुक्का विजय नगर कि स्थापना 1336 ई o में प्रताप रूद्रदेव के सामंत वंस संगम न कि थी।
संगम वंश जिसका सासनकल 1336 से 1485 ई o में तक चला
हरिहर प्रथम 1336 - 1356 ई o
विजय नगर कि राजधानी हम्पी को माना जाता है।
हरिहर द्वितीय 1377-1404 जिसे शिव का उपासक माना जाता है।
इसे महार राज अधुराज कि उपाधि मिली
देवराय प्रथम 1404 से 1422 ई o
इसके द्वारा 1441 ई में विजय नगर का निर्माण एवं नेहरो का निर्माण
हरविलास के रचनाकार तेलुगु कवि श्रीनाथ थी।
देवराय द्वितीय (13770-1404 ) ई o में (इमाडी देवराय)
इसके शासनकाल में ईरानी अब्दुल रज्जाक आया था।
तुलुव वंश (1505-1570)
इस वंश का संस्थापक वीर नरसिंह,पुत्र क्रस्न देवराय को माना जाता है।
योग्य मंत्री एवं सेनापति = सालुव तुम्म आ
जो रचनाए तेलुगु में कि गई आमुक्त आदयत , संस्कृत जमबई कल्याण एवं ूषा परिणय
इनके शासनकाल महत्वपूर्ण कवि अलसी न पेडन, तेलुगु कविता का पितामा।
और इसी के शासनकाल में हजार मंदिर तत्था बिट्ठल स्वामी मंदिर का निर्माण हुआ
पुर्तगाली यात्री इसी के स्सासन काल में आया 1542-1570 ई o में के बीच में आया।
तलिकोट ( राक्षसी तंगनी ) का युद्ध 23 जनवरी 1965 ई o में को हुआ
विध्वंश तलिकोता (बैनिहती ) युद्ध का प्रत्यक्ष दर्शि सेवेल होता था।
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