मुगल साम्राज्य, शहांजा
मुगल साम्राज्य
शहांजा (1627-1657) ई ।
शाहांजा जोधाबाई का पुत्र था।
शाहंजा का जन्म 5 फरवरी 1592 ई o को हुआ था।
इसका विवाह अर्जुन मंद बानो बेगम से हुआ था
इसको शहंजा मलिक ए जवानी कि उपाधि दी गई थी।
मुताज कि मृत्यु 7 जून 1631 ई o को हो गई थी।
आशाफ खान शहांज का वजीर था ।
महवत खान को खानखाना कि उपाधि प्रदान की गई थी।
दीवान ए आम तथा दीवान ए खास का निर्माण शाहांज द्वारा किया गया था।
ईशा खान वास्तुविद था एवं उस्ताद अहमद लाहौरी ।
मोती मस्जिद तथा जामा मस्जिद का निर्माण ओरेंगजेब द्वारा किया गया था।
सीज दा एवं पाबोस प्रथा समाप्त कर चाहर तस्लीम प्रथा शुरू कि गई ।
इसके काल में फ्रांसिस बर्नियर आया था ।
इसके समय में लाल खान को समुन्द्र कि उपाधि दी गई थी।
मेहमूद फकीर तथा मीर हासिम इसके शासनकाल में प्रमुख चित्रकार थे ।
शहांजा के पुत्र = दारा शिकोह, शुजा, ऑरेंगजेब,तथा मुसद शाह थे तथा इनमें दारा शिकोह को बुलंद इकबाल कि उपाधि प्राप्त थी।
उत्तर अधिकार के युद्ध
बहादुर गड़ का युद्ध 14 फरवरी सन् 1558 ई o को लड़ा गया था।इस युद्ध का परिणाम यह था कि शाह शुजा शहांजा से पराजित होकर बंगाल चला गया था।
धर्म मत का युद्ध 15 अप्रैल 1658 ई को लड़ा गया था । इस युद्ध परिणाम यह था कि इस युद्ध में जसवंत सिंह कि पराजय एवं इस युद्ध में ऑरेंगजे ब विजई हुआ था।
राम गण का युद्ध 8 जून 1658 ई को लड़ा गया था । इस युद्ध का परिणाम यह था कि इस युद्ध में दारा शिकोह कि पराजय एवं ओरंग जेब इस युद्ध में वियज्यी हुआ
खानवआ का युद्ध दिसंबर 1658 ई को लड़ा गया था । परिणाम इस युद्ध में सहाशुजा पराजित होकर अरकान पहाड़ी कि ओर चला गया था।
देवराई का युद्ध मार्च 1959 ई म लड़़ा गया था
इस युद्ध में दारा कि पराजय एवं ओरंग जेब वियज्यी हुआ था।
साल 1666 ई o में शहांजा कि मृत्यु हो गई थी।
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