Ashok Chakra
महात्मा बुद्ध ने अपने शिष्यों (सन्तों) के लिए २४ गुण बताए जो अशोक चक्र के २४ तिल्लियों के रूप में निरूपित किये गये हैं।
अनुराग
पराक्रम
धैर्य
शान्ति
महानुभावत्व
प्रशस्तत्व
श्रद्धान
अपीदान
निःसंग
आत्मनियन्त्रण
आत्माहवान
सत्यवादिता
धार्मिकत्व
न्याय
अनृशंस्य
छाया (Gracefulness)
अमानिता (Humility)
प्रभुभक्ति (Loyalty)
करुणावेदिता (Sympathy)
आध्यात्मिकज्ञान (Spiritual Knowledge)
महोपेक्षा (Forgiveness)
अकल्कता(Honesty)
अनादित्व (Eternity)
अपेक्षा (Hope)
चक्र का उल्लेख हुआ है ( अध्याय ३ के श्लोक संख्या 14, 15 और 16 में )।
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