Indian Parliament

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लोकसभा वयस्क मताधिकार के तहत लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से चुने गए प्रतिनिधियों से बनती है। संविधान के अनुसार लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है, जिनमें से 530 सदस्य राज्यों से चुने जा सकते हैं, जबकि 20 सदस्य केन्द्रशासित प्रदेशों से चुने जा सकते हैंl इसके अलावा यदि राष्ट्रपति को लगता है कि सदन में आंग्ल-भारतीय (Anglo-Indian) समुदाय के लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है तो वे इस समुदाय के अधिकतम दो लोगों को सदस्य के रूप में मनोनीत कर सकते हैंl

लोकसभा के कुल वैकल्पिक सदस्यों की संख्या को राज्यों में इस तरीके से वितरित किया जाता है कि प्रत्येक राज्य को आवंटित सीटों की संख्या और राज्य की आबादी के बीच का अनुपात व्यावहारिक रूप में समान होता है।

1. 16वीं लोकसभा में सांसदों की कुल संख्या 545 है

 2. 16वीं लोकसभा में पुरूष सांसदों की संख्या 479 है

 3. 16वीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 66है

 

4. 16वीं लोकसभा में सबसे बुजुर्ग सांसद श्री लालकृष्ण आडवाणी, उम्र – 90 (जन्मतिथि – 08.11.1927) है

 5. 16वीं लोकसभा में सबसे युवा सांसद श्री दुष्यंत चौटाला, उम्र-27 (जन्मतिथि – 03.04.1988)
 हैं

 6.   25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 के बीच संपन्न हुए पहले आम चुनाव के बाद 17 अप्रैल 1952 को पहली लोकसभा का गठन हुआ थाl

 7. 

. लोकसभा के पहले सत्र का आयोजन 13 मई 1952 को किया गया थाl

 8. . लोकसभा के प्रतिनिधियों का चुनाव आम जनता द्वारा वयस्क मताधिकार का प्रयोग कर प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से किया जाता है, इसी कारण से लोकसभा को लोकप्रिय सदन कहा जाता हैl

भारत के लोकसभा अध्यक्षों की सूची

 9. श्री जी.वी.मावलंकर पहले लोकसभा अध्यक्ष थे (कार्यकाल: 15 मई 1952 – 27 फरवरी 1956)

 10. श्री एम. अनंत सयानाम आयंगर लोकसभा के पहले उपाध्यक्ष थेl (कार्यकाल: 30 मई 1952 – 7 मार्च 1956)

 11. सामान्य तौर पर लोकसभा की अवधि आम चुनाव के बाद हुई पहली बैठक से पांच वर्ष के लिए होती है, इसके बाद यह स्वंय ही विघटित हो जाती हैl हालांकि राष्ट्रपति को पांच वर्ष से पहले किसी भी समय इसे विघटित करने का अधिकार हैl इसके खिलाफ न्यायलय में चुनौती नहीं दी जा सकती हैl इसके अलावा लोकसभा की अवधि आपातकाल की स्थिति में एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाई जा सकती हैl लेकिन इसका विस्तार किसी भी दशा में आपातकाल खत्म होने के बाद छह महीने की अवधि से अधिक नहीं हो सकता हैl

विभिन्न राज्यों में आवंटित लोकसभा सीटों का विवरण

 12 “कोरम” लोकसभा सदस्यों की वह न्यूनतम संख्या है, जिनकी उपस्थिति में सदन का कार्य संपादित होता हैl यह प्रत्येक सदन में पीठासीन अधिकारी समेत कुल सदस्यों का दसवां हिस्सा होता हैl इसका अर्थ यह है कि यदि लोकसभा में कोई कार्य करना है तो कम-से-कम 55 सदस्य अवश्य उपस्थित होने चाहिएl लोकसभा के लिए कोरम से संबंधित नियमों का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 100 (3) के तहत किया गया हैl

13. ‘लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष’ लोकसभा के पीठासीन अधिकारी होते हैंl

14.  लोक सभा की पहली बैठक के बाद से जब तक लोकसभा का विघटन नहीं हो जाता है, तब तक अध्यक्ष का कार्यकाल जारी रहता हैl इसके अलावा संविधान की धारा 94, 101 और 102 में निर्दिष्ट किसी भी कारण से अगर वह लोकसभा का सदस्य नहीं रह जाता है तो लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उसका कार्यकाल भी समाप्त हो जाता हैl

लोक सभा एवं राज्य सभा में अंतर

15. .  लोकसभा अध्यक्ष की अनुपस्थिति में लोकसभा की बैठकों की अध्यक्षता लोकसभा उपाध्यक्ष करता हैl

 16.    जब लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों का पद रिक्त हो तो लोकसभा की अध्यक्षता वह सदस्य करता है जिसे राष्ट्रपति इस कार्य के लिए चुनते हैंl उस व्यक्ति को प्रोटेम स्पीकर या सामयिक अध्यक्ष कहा जाता हैl

 17.    लोकसभा की कार्यवाही को नियमानुसार और सुचारू ढ़ंग से चलाने के लिए लोकसभा के गठन के समय या बाद में समय-समय पर अध्यक्ष द्वारा अधिकतम 10 सदस्यों के पैनल को नामित किया जाता हैl इन्हीं 10 सदस्यों में से कोई सदस्य सदन में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में या अध्यक्ष या उपाध्यक्ष की आज्ञा से सदन की बैठक की अध्यक्षता करता हैl अध्यक्ष के रूप में नामित व्यक्ति तब तक अपने पद पर बना रहता है, जब तक कि अध्यक्षों के एक नए पैनल को नामित नहीं किया जाता है या मंत्री के रूप में नियुक्त होने पर या उपाध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर वह अपने पद से इस्तीफा दे देता हैl

 18.  वर्तमान लोकसभा अध्यक्श्रीमति सुमित्रा महाजन हैं

19.  वर्तमान लोकसभा उपाध्यक्ष डॉ. एम. थम्बीदुरई हैं

 20.  16वीं लोकसभा में सदन के नेताश्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी हैं

21.  लोकसभा का सदस्य बनने के लिए लोकसभा का सदस्य बनने के लिए इच्छुक व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए, उसकी उम्र 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए और संसद सदस्य बनने के लिए अनुच्छेद 84 में वर्णित योग्यताओं को पूरा करना चाहिएl योग्यताएं होना जरूरी है

22.  लोकसभा और राज्यसभा के बीच विधायी संबंध धन विधेयक को छोड़कर सभी विधायी मामलों में दोनों सदनों के पास समान अधिकार हैंl दोनों सदनों का मुख्य कार्य कानून पारित करना हैl प्रत्येक विधेयक को दोनों सदनों द्वारा पारित करने के बाद कानून बनने से पहले उन पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर लेना अनिवार्य है। धन विधेयक के मामले में लोकसभा को विशेषाधिकार प्राप्त हैl

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