तत्कालीन मूर्तियां
इस्लामिक तत्कालीन मूर्तियां
हुबल, लाल,मनाट, उच्च आदि भिन्न भिन्न देवता इस्ट देवता माने जाते थे
काबा में पुराने समय में मूर्ति पूजा नहीं थी
इस्लामिक धर्म में मूर्तियां अमरू नामक व्यक्ति के द्वारा स्थापित की गई थी
इस समय सारा देश मूर्ति पूजा में निगमन हो गया था।
काबा मंदिर में 360 मूर्तियां स्थापित की गई थी
काबा मंदिर के छत पर स्थित 'जय हबुल' कुरैशी वंशियो के इष्ट देवता माने जाते थे।
अलहआ सब्द एक ईश्वर के लिए प्रयुक्त किया जाता था।
खदीजा और उनके भाई मूर्ति पूजा विरोधी यहूदी धर्म के अनुयाई माने जाते है
एक वृतांत के पश्चात अवश्य देवदूत था जो इस भगवताकय को लेकर तुम्हारे पास लेकर आया
इसी वृतांत के पश्चात 40 वर्ष की आयु में महात्मा पैगम्बर का भगवता समय प्रारंभ होता है।
ये ईसाई भिक्ष्युओ की भांति बहुधा हीरा की गुफा में एकांत इशवर और ईश्वर प्रनिज्ञान जिया करते थे।
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