संयुक्त राज्य में अमेरिकी स्वतन्त्रता युद्ध या क्रन्तिकारी युद्ध भी कहा जाता है,

अ (1775 – 1783), जिसे संयुक्त राज्य में अमेरिकी स्वतन्त्रता युद्ध या क्रन्तिकारी युद्ध भी कहा जाता है, ग्रेट ब्रिटेन और उसके तेरह उत्तर अमेरिकी उपनिवेशों के बीच एक सैन्य संघर्ष था, जिससे वे उपनिवेश स्वतन्त्र संयुक्त राज्य अमेरिका बने। शुरूआती लड़ाई उत्तर अमेरिकी महाद्वीप पर हुई। सप्तवर्षीय युद्ध में पराजय के बाद, बदले के लिए आतुर फ़्रान्स ने 1778 में इस नए राष्ट्र से एक सन्धि की, जो अंततः विजय के लिए निर्णायक साबित हुई 
अमेरिका के स्वतंत्रता युद्ध ने यूरोपीय उपनिवेशवाद के इतिहास में एक नया मोड़ ला दिया। उसने अफ्रीका, एशिया एवं लैटिन अमेरिका के राज्यों की भावी स्वतंत्रता के लिए एक पद्धति तैयार कर दी। इस प्रकार अमेरिका के युद्ध का परिणाम केवल इतना ही नहीं हुआ कि 13 उपनिवेश मातृदेश ब्रिटेन से अलग हो गए बल्कि वे उपनिवेश एक तरह से नए राजनीतिक विचारों तथा संस्थाओं की प्रयोगशाला बन गए। पहली बार 16वीं 17वीं शताब्दी के यूरोपीय उपनिवेशवाद और वाणिज्यवाद को चुनौती देकर विजय प्राप्त की। अमेेरिकी उपनिवेशों का इंग्लैंड के आधिपत्य से मुक्ति के लिए संघर्ष, इतिहास के अन्य संघर्षों से भिन्न था। यह संघर्ष न तो गरीबी से उत्पन्न असंतोष का परिणाम था और न यहां कि जनता सामंतवादी व्यवस्था से पीडि़त थी। अमेरिकी उपनिवेशों ने अपनी स्वच्छंदता और व्यवहार में स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए इंग्लैंड सरकार की कठोर औपनिवेशिक नीति के विरूद्ध संघर्ष किया था। अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है।

क्रांति से पूर्व अमेरिका की स्थिति संपादित करें
इंग्लैंड एवं स्पेन के मध्य 1588 ई. में भीषण नौसैनिक युद्ध हुआ जिसमें स्पेन की पराजय हुई और इसी के साथ ब्रिटिश नौसैनिक श्रेष्ठता की स्थापना हुई और इंग्लैण्ड ने अमेरिका में अपनी औपनिवेशिक बस्तियां बसाई। 1775 ई. तक अमेरिका में 13 ब्रिटिश उपनिवेश बसाए जा चुके थे। इन अमेरिकी उपनिवेशों को भौगोलिक दृष्टि से तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-

(१) उत्तरी भाग में-मेसाचुसेट्स, न्यू हैम्पशायर, रोड्स द्वीप- ये पहाड़ी और बर्फीले क्षेत्र थे। अतः कृषि के लायक न थे। इंग्लैंड को यहां से मछली और लकड़ी प्राप्त होती थी।
(२) मध्य भाग में- न्यूयार्क, न्यूजर्सी, मैरीलैंड आदि थे। इन क्षेत्रों में शराब और चीनी जैसे उद्योग थे।
(३) दक्षिणी भाग में-उत्तरी कैरोलिना, दक्षिणी कैरोलिना, जॉर्जिया, वर्जीनिया आदि थे। यहां की जलवायु गर्म थी। अतः ये प्रदेश खेती के लिए उपयुक्त थे। यहां मुख्यतः अनाज, गन्ना, तम्बाकू, कपास और बागानी फसलों का उत्पादन होता था।
इन उपनिवेशों में 90% अंगे्रज और 10त% डच, जर्मन, फ्रांसीसी, पुर्तगाली आदि थे। इस तरह अमेरिकी उपनिवेश पश्चिमी दुनिया तथा नई दुनिया दोनों का हिस्सा था। वस्तुतः पश्चिमी दुनिया का हिस्सा इसलिए कि यहां आकर बसने वाले लोग यूरोप के विभिन्न प्रदेशों जैसे ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड आदि से आए थे और साथ ही नई दुनिया का भी हिस्सा थे क्योंकि यहां धार्मिक, सामाजिक वातावरण और परिवेश वहां से भिन्न था। एक प्रकार से यहां मिश्रित संस्कृति का जन्म हुआ क्योंकि भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से आए लोगों के अपने रीति-रिवाज, धार्मिक विश्वास, शासन-संगठन, रहन-सहन आदि के भिन्न-भिन्न साधन थे। इन भिन्नताओं के बावजूद उनमें एकता थी और यह एकता एक समान समस्याओं के कारण तथा उसके समाधान के प्रयास के फलस्वरूप पैदा हुई थी। इतना ही नहीं बल्कि पश्चिम से लोगों का तेजी से आगमन भी हुआ और इस कि वजह से लोकतांत्रिक समाज के निर्माण की भावना का भी प्रसार हुआ।

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