jain Dharm
➡️त्रशभेड जैन धर्म के संस्थापक व प्रथम तिर्टथ्रक थे ।
➡️जैन धर्म २३वे पाशर्वनाथ थे ।यह पाशर्वनाथ काशी
के इकवांछु वांशिए राजा अस्वशेन्न के पुत्र थे।
➡️जैन धर्म के २४ वे तिर्थक महावीर स्वामी थे ।
महावीर स्वामी। का जीवन परिचय
👉 प्रारंभिक नाम = वर्धमान
👉जन्म = 599 इश्वी पूर्व
👉जन्मस्थान = कुंडग्राम (वैशाली)
👉पिता का नाम = सिद्धार्थ ( जत्रक कुल के मुखिया )
👉माता का नाम = त्रिशला (लिच्छिवी राज्य के राजा की
बहन )
👉पत्नी का नाम = यशोदा
👉पुत्री का नाम = प्रियेदर्षणा
👉दामाद का नाम = जमाली
👉ज्ञान की प्राप्ति = जुंभिग्रम (त्रज पालिका नदी के तट
पर साल वृछ की नीचे)
👉प्रथम उपदेश = राजगृह
👉प्रथम भिछुड़ी = चम्पा ( चम्पा नरेश दाधिवान की
बहन)
👉अनेकान्तवाद का सिद्धांत एवं दर्शन तथा अदुव्रत
सिद्धांत है।जैन धर्म का आधआरभूत सिद्धांत
अहिंसा है।
जैन तीर्थंकर तथा चिन्ह
चिन्ह प्रतीक
आदिनाथ वृषभ
अजितनथ हाथी
संबावनाथ घोड़ा
अभिनन्दन नाथ कपि (बंदर )
सुमतिनाथ। करोंच (पछी )
पदम प्रभु पदम
सपाशरवनाथ। स्वस्तिक
चंद्रप्रभु। चन्द्रमा
सुविधिनाथ मकर
शिटलनाथ श्रीवस्ट
श्रेयांसनाथ गैंडा
वशुपुज्येनाथ भैसा
विमलनाथ वराह
अनंतनाथ श्येन्न ( बज पछि)
धर्मनाथ वज्र
शांतिनाथ मृग ( हरिन)
कुंनतुनाथ अज (बक्रा)
अरनाथ मीन (मछली)
मलिनाथ कलश
मुनिसुवर्थ कुर्म
नेमीनाथ निलोटपल
अरिस्टिनेमी संख
पशरवनाथ सर्प फड़
महावीर सिंह (शेर)
जैन संगतिया
संगति आयोजन आयोजन स्थल
प्रथम 300ईo पूo। पाटली पूत्र
दवित्ये 513 ईo पूo। वल्लभी
अधयछ
सुलभद्र
देवरधिछमाश्रमन
महाजनपद ओ का उदय
👉जैन ग्रंथ भगवती सूत्र तथा बोध ग्रंथ अगंट्र निकाय में
16महाजनपद की सूची मिलती है।
👉16जनपदों में से अश्मक एक ऐसा जनपद था जो
गोदावरी नदी के तट पर स्थित था ।
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