Industrial dispute act 1948
औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947
(1947 का अधिनियम संख्यांक 14)1
[11 मार्च, 1947]
औद्योगिक विवादों के अन्वेषण और परिनिर्धारण के लिए और कतिपय
अन्य प्रयोजनों के लिए उपबन्ध
करने के लिए
अधिनियम
यह समीचीन है कि औद्योगिक विवादों के अन्वेषण और परिनिर्धारण के लिए और इसमें इसके पश्चात् वर्णित कतिपय अन्य प्रयोजनों के लिए उपबन्ध किया जाए;
अतः एत्दद्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित किया जाता हैः-
अध्याय 1
प्रारंभिक
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ-(1) यह अधिनियम औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 कहा जा सकेगा ।
2[(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण भारत पर है:
3। । । । ।]
(3) यह 1947 के अप्रैल के प्रथम दिन को प्रवृत्त होगा ।
2. परिभाषाएं-इस अधिनियम में, जब तक कि विषय या संदर्भ में कोई बात विरुद्ध न हो, -
(क) “समुचित सरकार से-
(i) केन्द्रीय सरकार द्वारा या उसके प्राधिकार के अधीन 4॥। या किसी रेल कम्पनी द्वारा चलाए जाने वाले किसी उद्योग से सम्पृक्त 5[अथवा किसी ऐसे नियंत्रित उद्योग से सम्पृक्त, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट किया जाए] 6॥। या किसी औद्योगिक विवाद के सम्बन्ध में 7॥। या 8[9 [10 [11 [डॉक कर्मकार (नियोजन का विनियमन) अधिनियम, 1948 (1948 का 9) की धारा 5क के अधीन स्थापित डॉक श्रम बोर्ड या 12[कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) के अधीन बनाया गया और रजिस्ट्रीकृत भारतीय औद्योगिक वित्त निगम लिमिटेड] या कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 (1948 का 34) की धारा 3 के अधीन स्थापित कर्मचारी राज्य बीमा निगम, या कोयला खान भविष्य निधि और प्रकीर्ण
- इस अधिनियम का विस्तार, 1962 के विनियम सं० 12 द्वारा गोवा, दमण और दीव पर, 1963 के विनियम सं० 7 द्वारा (1-10-1963 से) पाण्डिचेरी पर और 1965 के विनियम सं० 8 की धारा 3 तथा अनुसूची द्वारा लक्कादीव, मिनिकोय और अमीनदीवी द्वीप पर किया गया है ।
- 1956 के अधिनियम सं० 36 की धारा 2 द्वारा (29-8-1956 से) पूर्ववर्ती उपधारा के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
- 1970 के अधिनियम सं० 51 की धारा 2 तथा अनुसूची द्वारा (1-9-1971 से) परन्तुक का लोप किया गया ।
- विधि अनुकूलन आदेश, 1948 द्वारा फेडरल रेलवे अथारिटी द्वाराञ्ज् शब्दों का लोप किया गया ।
- 1951 के अधिनियम सं० 65 की धारा 32 द्वारा अंतःस्थापित ।
- विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा किसी फेडरल रेलवे का संचालनञ्ज् शब्दों का लोप किया गया ।
- 1963 के अधिनियम सं० 10 की धारा 47 और अनुसूची 2, भाग 2 द्वारा अंतःस्थापित कतिपय शब्दों का 1964 के अधिनियम सं० 36 की धारा 2 द्वारा (19-12-1964 से) लोप किया गया ।
- 1961 के अधिनियम सं० 47 की धारा 51 और अनुसूची 2, भाग 3 द्वारा (1-1-1962 से) अंतःस्थापित ।
- 1964 के अधिनियम सं० 36 की धारा 2 द्वारा (19-12-1964 से) स्थापित निक्षेप बीमा निगमञ्ज् शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
- 1971 के अधिनियम सं० 45 की धारा 2 द्वारा (15-12-1971 से) प्रतिस्थापित ।
- 1982 के अधिनियम सं० 46 की धारा 2 द्वारा (21-8-1984 से) प्रतिस्थापित ।
- 1996 के अधिनियम सं० 24 की धारा 2 द्वारा (11-10-1995 से) प्रतिस्थापित ।
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