Bodh Dharm

Bodh Dharm  

जन्म  = 563 ई स्वि पूर्व
 स्थान = कपिल वस्तु से 14मिल दूर लुंबिनी में
पिता का नाम = सुधोधन कपिलवस्तु के शासक
माता का नाम = महामाया 
बुध के बचपन का नाम = सिद्धार्थ 
बुध की पत्नी का नाम = याहोधरा 
बुध के घोड़े का नाम = कथक 
बुध के सारथी का नाम = चन्ना 
बुध के पुत्र का नाम = राहुल 
बुध का चचेरा भाई = देवदत्त 
बुध की मृत्यु = कुशीनगर (उत्तर प्रदेश में)
ज्ञान प्राप्ति = पीपल ब्रछ के नीचे।

(१) महात्मा बुद्ध ने ग्रह त्याग इसको नाम महाघिनिशक्रमन्न दिया गया।
(२) ग्रह त्याग करने के बाद महात्मा बुध अलारकलाम से सांख्य दर्शन की दिछा ली।
(३) महात्मा बुध न अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था । बोध परंपरा में इसे धर्मचक्र के नाम से जाना जाता है। सारनाथ में ही बोध संघ की स्थपना हुई।
(४)बुध न अपने उपदेश जनता को पली में दिए ।
(५) बिम्बिसार और उदय न एवं प्रसेनजीत बुध के प्रमुख अनुयाई थे। 
  बोध संगरिया 
संगति    आयोजित वर्ष    आयोजित स्थल।   अध्यछ
प्रथम     ४८३ पूर्व।         राजगृह।               महाकश्या

राज्यकाल                 उद्देश्य
अजातशत्रु।            बुध के उपदेशों को दो पिटकों में
                            संकलित किया गया विन्य पिटक 
                            और  सुतपिटक ।

(१)➡️ बुध की खाड़ी प्रतिमा कुषाण काल में बनाई गई ।

(२)➡️ हिन्यान अवस्था  विशालतम एवं सर्वाधिक विकसित सेल्क्रत  चैत्य ग्रह कार्ल ए में स्थित है।

(३)➡️ बज्यान बोध धर्म की सख़ा सुल्तानी युग में सर्वाधिक  
      प्रभावशाली थी ।

(४)➡️ नागार्जुन जिसने बोध भिछु जिसने प्रथम सदी
           ईस्वी 
            में चीन जाकर बोध कृतियों का चीनी भाषा में 
            अनुवाद किया था ।

(५)➡️महायान संप्रदाय का उदय आंध्रप्रदेश में माना    
          जाता  है।महायान एक उत्कृष्ट मार्ग है ।
(६)➡️ हीनयान निम्न मार्गी थे और रूढ़िवादी थे।
(७)➡️ सुन्न्येवाद व विज्ञानवाद महायान संप्रदाय के अंग 
           है।
 (८) भगवान बुद्ध को के light of Asia के नाम से भी  
        जाना जाता है।

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